पंजाब में वैट कानूनों और राज्य उत्पाद शुल्क के तहत मामलों से संबंधित एकमुश्त निपटान योजना शुरू करने की आवश्यकता - अनिल ठाकुर चेयरमैन ट्रेडर्स कमिशन पंजाब
बठिंडा : पंजाब ट्रेडर्स कमिशन के चेयरमैन श्री अनिल ठाकुर ने पंजाब के वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा और मुख्यमंत्री स. भगवंत मान जी से जीएसटी कर और वैट से संबंधित व्यापारी वर्ग के लंबे समय से लंबित मुद्दों के संबंध में पंजाब भर के व्यापारी समुदाय द्वारा की गई मांग के अनुसार एक बार निपटान नीति बनाकर व्यापारियों के उपरोक्त मुद्दों को हल करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि इस वन टायम सेटलमेंट नीति से व्यापारियों के साथ-साथ सरकार को भी टैक्स के रूप में फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी से पहले वैट बकाया का भुगतान नहीं करने पर विभिन्न व्यवसायियों को नोटिस मिले हैं और इसके अलावा जीएसटी के आगमन के साथ-साथ वैट, सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आदि के रूप में पुरानी अप्रत्यक्ष कर प्रणालियों के उन्मूलन के साथ, राज्य और केंद्र सरकारों के पुराने शासन के दौरान व्यापारियों और सरकार के बीच कई मामले अदालतों में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कारोबारी समुदाय भी मुकदमेबाजी खत्म होने की उम्मीद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इन मुकदमों के कारण जहां व्यापारी वर्ग को कोर्ट-कचहरी के चक्कर में आर्थिक व मानसिक क्षति हो रही है, वहीं राज्य को करों के रूप में मिलने वाला सैकड़ों करोड़ का राजस्व भी फसा हुआ है।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के डीलरों से खरीदारी के कारण पिछले वैट निर्धारण मामलों में भारी टैक्स की मांग के कारण 'सी' फॉर्म की आपूर्ति नहीं होने से डीलरों को काफी परेशानी हुई थी, पंजाब में डीलरों ने माल की डिलीवरी ले ली है और उनसे बिना किसी गलती के कर और ब्याज के रूप में बड़ी राशि का भुगतान करने को कहा गया है। डीलरों को अन्य राज्यों के डीलरों से बकाया 'सी' फॉर्म जमा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अध्यक्ष श्री अनिल ठाकुर ने कहा कि व्यापारियों के लिए ओ.टी.एस. इसके लागू होने से सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि व्यापारियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और इससे पंजाब में उद्योग और व्यापार समृद्ध होगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने पंजाब वैट अधिनियम, 2005 और सीएसटी अधिनियम, 1956 के तहत बकाया के लिए 15 जनवरी, 2021 से एकमुश्त निपटान योजना शुरू की थी, जो 30 अप्रैल, 2021 तक थी। उन्होंने कहा कि पंजाब वैट अधिनियम और उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत मूल्यांकन अधिकारियों या अपीलीय अधिकारियों के समक्ष सभी लंबित मामलों को कवर करने के लिए एक अंतिम ओटीएस योजना शुरू करना फिर से आवश्यक है।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्री-जीएसटी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत बकाया के भुगतान के लिए एक माफी योजना शुरू की जा सकती है, जिसमें देय कर में आंशिक राहत और ब्याज, जुर्माना और विलंब शुल्क, यदि कोई हो, से पूरी राहत होगी और ऐसी एकमुश्त निपटान योजना से मदद मिलेगी।
चेयरमैन श्री अनिल ठाकुर ने उम्मीद जताई है कि सरकार निकट भविष्य में ऐसी योजना लाकर व्यापारी वर्ग को राहत देगी और पंजाब फिर से देश का नंबर वन राज्य बनकर उभरेगा।