मॉडल ग्रामीण खेल मैदानों से जालंधर में खेल बुनियादी ढांचे को बड़ा बढ़ावा मिलेगा
मॉडल ग्रामीण खेल मैदानों से जालंधर में खेल बुनियादी ढांचे को बड़ा बढ़ावा मिलेगा
- जिले के ग्रामीण बुनियादी ढांचे में बदलाव के उद्देश्य से डिप्टी कमिश्नर ने नयी परियोजनाओं के प्रस्ताव मांगे
- शीर्ष प्राथमिकताओं में अत्याधुनिक खेल के मैदान, तालाबों का नवीनीकरण, सिंचाई परियोजनाएँ, मियावाकी वन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शामिल
जालंधर, 26 मार्च: ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने अगली तिमाही के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए विभिन्न विभागों को गांवों में बुनियादी ढांचे और पर्यावरण से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए।
आज यहां जिला प्रशासकीय परिसर में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. अग्रवाल ने खेल के मैदानों के निर्माण, तालाबों के नवीनीकरण, सिंचाई सुधार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, डिप्टी कमिश्नर ने उपमंडल मैजिस्ट्रेटो (एस.डी.एम.) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हर गांव में एक नया खेल का मैदान हो। उन्होंने 890 पंचायतों के लिए अत्याधुनिक खेल सुविधाएं विकसित करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपने को कहा।उन्होंने गांवों में मॉडल खेल मैदानों के लिए एकड़ के हिसाब से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि राज्य की खेल राजधानी के नाम से मशहूर जालंधर को खेल के क्षेत्र में अग्रणी जिला बनाया जा सके।
शहरों की तर्ज पर गांवों को भी सभी सुविधाएं मुहैया कराने की पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को जिले के सभी 1,086 तालाबों की सफाई और नवीनीकरण करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने जल संरक्षण को बढ़ाने के लिए थापर/सीचेवाल मॉडल के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक में पांच नए तालाबों के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव मांगे।
डॉ. अग्रवाल ने किसानों को तालाबों और सीवरेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) से उपचारित अपशिष्ट की पर्याप्त आपूर्ति की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसी प्रकार, उन्होंने अधिकारियों को हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए ग्राम-स्तरीय पार्कों के लिए प्रस्ताव लाने का भी निर्देश दिया।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए डिप्टी कमिश्नर ने जिले भर में अपशिष्ट संग्रहण, अलग-अलग करने और निपटान परियोजनाओं के कार्यान्वयन का निर्देश दिया। उन्होंने दयालपुर, अठोला और रूडका कला गांवों के सफल मॉडलों का जिक्र करते हुए अधिकारियों से इन परियोजनाओं को जिले भर में लागू करने की अपील की।उन्होंने कहा कि प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सफलतापूर्वक लागू करने वाली पंचायतों को विकास फंड के रूप में एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
वृक्षारोपण के महत्व पर जोर देते हुए डॉ. अग्रवाल ने एसडीएम को मियावाकी वन विकसित करने के लिए सरकारी भूमि की पहचान करने का निर्देश दिया, जिससे जिले में हरियाली बढ़ेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में गांवों को शहरों की तरह विकसित करने की पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे समग्र और सतत विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह इस काम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे और वह खुद इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इन परियोजनाओं के लिए फंड की कोई कमी नहीं है, इसलिए संबंधित विभाग इनका समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।