सोमवार को जिले में 625 मीट्रिक टन डी.ए.पी खाद और पहुंची
जिला लोक संपर्क दफ्तर,जालंधर
सोमवार को जिले में 625 मीट्रिक टन डी.ए.पी खाद और पहुंची
जिले में 21,261 मीट्रिक टन डी.ए.पी. और 7,117 मीट्रिक टन वैकल्पिक उर्वरक उपलब्ध
गांव देसलपुर के प्रगतिशील किसान फसल लगाने के लिए डीएपी के विकल्प का कर रहे प्रयोग
जालंधर, 11 नवंबर:
डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने आज बताया कि सोमवार को जिले में 625 मीट्रिक टन डीएपी और भी पहुंच गया है। इसके अलावा डी.ए.पी के विकल्प के तौर पर उपयोग हेतु 430 मीट्रिक टन अतिरिक्त खाद प्राप्त हुई है।
डा.अग्रवाल ने कहा कि जिले में जहां डी.ए.पी उर्वरकों की निरंतर आपूर्ति हो रही है, वहीं विकल्प के तौर पर उपयोग किए जाने वाले उर्वरक भी किसानों को उपलब्ध करवाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि रबी फसल की बुआई के लिए किसानों को डी.ए पी खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में 21,261 मीट्रिक टन डी.ए.पी. एवं 7,117 मीट्रिक टन डी.ए.पी. वैकल्पिक उर्वरक उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा डी.ए.पी. खाद की जमाखोरी एवं कालाबाजारी पर कड़ी नजर रखी जा रही है। साथ ही उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक का अतिरिक्त भंडारण न करने के निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि गेहूं की बुआई के लिए डी.ए.पी. अन्य फॉस्फेटिक उर्वरक जैसे ट्रिपल सुपर फॉस्फेट, एनपीके, सिंगल सुपर फॉस्फेट का भी विकल्प के तौर पर उपयोग किया जा सकता है।
उधर, जिले के प्रगतिशील किसानों ने डी.ए.पी. विकल्पों का उपयोग कर फसलों की समय पर बिजाई कर रहे है। गांव देसलपुर के किसान सुखदेव सिंह ने बताया कि इस बार आलू की बिजाई टी.एस.पी. तथा एन.पी.के 16:16:16 से की गयी है। इसी तरह, उसी गांव के एक अन्य किसान अमृतपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने आलू की बुआई के लिए 20:20:0:13 और एनपीके 16:16:16 उर्वरक का उपयोग किया है दोनों किसानों ने डीएपी के विकल्प के तौर पर प्रयुक्त उर्वरकों पर संतोष व्यक्त करते हुए अन्य किसानों को डी.ए.पी पर अपनी निर्भरता कम करने की सलाह दी । उन्होंने कहा कि इन वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी को अधिक पोषक तत्व भी मिलते हैं, जो फसलों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।