'पहल आजीविका होजरी' 300 से अधिक महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि के लिए वरदान साबित होगी
कार्यालय जिला जन संपर्क अधिकारी, संगरूर
'पहल आजीविका होजरी' 300 से अधिक महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि के लिए वरदान साबित होगी
डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल ने मूलोवाल में महिलाओं को होजरी समर्पित की
पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन का एक और सार्थक कदम
मूलोवाल/शेरपुर/संगरूर, 3 जनवरी:
जिला प्रशासन ने नए साल के अवसर पर ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक और वित्तीय समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में उत्साहपूर्वक चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूहों की श्रृंखला के तहत ब्लॉक शेरपुर के गांव मूलोवाल में 'पहल आजीविका होज़री' के साथ एक और अच्छी पहल की है। इसका उद्घाटन डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) वरजीत वालिया की मौजूदगी में किया। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की समृद्धि के लिए जिले में सैकड़ों स्वयं सहायता समूह चल रहे हैं, जिनके माध्यम से महिलाएं प्रशासनिक सहयोग से अपने परिवार का जीवन स्तर ऊंचा उठा रही हैं।
उन्होंने कहा कि 'पहल आजीविका होजरी' के माध्यम से गांवों की 300 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और इससे वे अपने कौशल का सही उपयोग कर सकेंगी और अपने परिवार की बेहतरी भी सुनिश्चित कर सकेंगी।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि सरकारी एवं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों एवं पुलिस वर्दी समेत सिलाई से जुड़े अन्य व्यवसाय की पूर्ति के लिए यह सक्रिय रहेगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने संगरूर प्रशासन द्वारा 'पहल' के नाम से चलाए जा रहे प्रोजेक्टों की सराहना करते हुए इसी तरह पंजाब के बाकी हिस्सों में महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूहों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की वर्दी बनाने का प्रोजेक्ट लांच करने की घोषणा की गई थी। जतिंदर जोरवाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य जिले के अंदर अधिक से अधिक रोजगार सृजन की संभावनाओं को सही दिशा देकर सफलतापूर्वक क्रियान्वित करना है। उन्होंने कहा कि इस होजरी के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 400 वर्दी सिलने का अनुमान है और मांग के अनुसार इसका उत्पादन घटता-बढ़ता रहेगा।
इस मौके पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) वरजीत वालिया ने कहा कि गांवों की महिलाएं सिलाई, कढ़ाई के क्षेत्र में अच्छी निपुणता रखती हैं और जब वे अपने घरों में रहकर इस होजरी को सिलाई सेवाएं प्रदान करेंगी तो उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा, उनका मनोबल बढ़ेगा और वे अपनी जिम्मेदारियां अधिक कुशलता से निभाएंगी। उन्होंने कहा कि 'पहल आजीविका होजरी' को प्रशासनिक सहयोग से आवश्यक मशीनरी उपलब्ध करायी गयी है और हम ऐसे अन्य प्रयासों को लगातार क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस मौके पर बीडीपीओ गुरमीत सिंह, युवा नेता अमीर सिंह, प्रगट सिंह, राजवीर सिंह, सौरभ बांसल, राजिंदर कुमार, विशाल कोछड़, जगपाल सिंह सरपंच, गुरदीप सिंह पंचायत सचिव भी मौजूद थे।