सरकारी स्कूलों के विद्यार्थीयों को एनीमिया मुक्त करने के प्रोजेक्ट के सार्थक परिणाम आने शुरू: जतिंदर जोरवाल
कार्यालय जिला जन संपर्क अधिकारी, संगरूर
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थीयों को एनीमिया मुक्त करने के प्रोजेक्ट के सार्थक परिणाम आने शुरू: जतिंदर जोरवाल
लैब की ताजा रिपोर्ट में 29 विद्यार्थी एनीमिया से मुक्त पाए गए, बाकी विद्यार्थियों के भी लैब टैस्ट परिणाम अच्छे आने की उम्मीद
संगरूर, 31 जनवरी:
जिला संगरूर के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को एनीमिया से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए प्रयासों के प्रभावी परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। जिला प्रशासनिक परिसर में इस परियोजना की प्रगति पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल ने कहा कि शुरुआत में इसे जिले के 21 सरकारी स्कूलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया था और जिन स्कूली छात्रों में एनीमिया (खून की कमी) पाया गया था तो स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से इन विद्यार्थियों को समय पर आयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियां अपनी निगरानी में खिलाने तथा मिड डे मील भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए सभी विद्यालयों में होम गार्डन (रसोई उद्यान) विकसित करने पर ध्यान दिया गया। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिन 21 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में एनीमिया के लक्षण पाए गए थे, उनके रक्त के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं और अब तक प्राप्त 2 स्कूलों के 29 विद्यार्थियों की रिपोर्ट में इन सभी विद्यार्थियों में एनीमिया नही है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि वह हमारे लिए अच्छा संकेत है और अब मजबूत उम्मीद है कि हम अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब है। उन्होंने कहा कि धूरी के स्वास्थ्य ब्लाक के अंतर्गत आने वाले इन स्कूलों के बच्चे पहले एनीमिया से पीड़ित थे, लेकिन वर्तमान लैब रिपोर्ट में उन्हें एनीमिया से मुक्त पाया गया है।
डिप्टी कमिश्नर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी के साथ एनीमिया एवं अन्य बीमारियों की रोकथाम की दिशा में यह एक अच्छा संकेत है और जल्द ही अन्य स्कूलों के छात्रों के रक्त परीक्षण के परिणाम हमारे सामने होंगे।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अब ये प्रोजेक्ट जिले के सभी सरकारी स्कूलों में चल रहे हैं ताकि कोई भी विद्यार्थी एनीमिया से पीड़ित न हो सके। उन्होंने कहा कि संतुलित आहार से बच्चों की जीवनशैली पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें और आपसी सहयोग से एनीमिया को जड़ से खत्म करें। अभियान में अपना योगदान दे सकते हैं। . इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर वरजीत वालिया, सिविल सर्जन डॉ. कृपाल सिंह, जिला स्कूल स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ .अमनजोत, प्रोजेक्ट नोडल अधिकारी मनजोत कौर, जिला प्रोग्राम अधिकारी प्रदीप गिल, डीडीएफ मेघा चौधरी भी उपस्थित थे।